पेंसिल, सांप और नृत्य: एक अद्भुत कहानी
जादुई पेंसिल का रहस्य
आर्या उस पेंसिल से एक दिन एक सांप की तस्वीर बना रही थी। जैसे ही उसने आखिरी लकीर खींची, वह तस्वीर सचमुच का सांप बन गई! सांप बिल्कुल harmless (हानिरहित) था और मुस्कुराता हुआ आर्या की ओर देखने लगा।
सांप ने कहा, "धन्यवाद, आर्या! तुमने मुझे जीवन दिया है। अब मैं तुम्हारी मदद करना चाहता हूं।"
आर्या पहले तो डर गई, लेकिन सांप का दोस्ताना स्वभाव देखकर वह हिम्मत जुटाकर बोली, "तुम मेरी मदद कैसे करोगे?"
सांप का जादू और नृत्य
सांप ने कहा, "मैं तुम्हें एक खास नृत्य सिखा सकता हूं। यह नृत्य इतना आकर्षक है कि इसे देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाएगा।"
आर्या ने सोचा कि वह इसे अपनी डांस क्लास में दिखा सकती है। उसने सांप से नृत्य सीखना शुरू कर दिया। सांप के घुमावदार मूव्स और ताल के साथ, आर्या ने एक अनोखा नृत्य तैयार कर लिया।
गांव का प्रदर्शन
कुछ दिनों बाद, गांव में एक बड़ा मेले का आयोजन हुआ। आर्या ने सोचा कि वह वहां अपना नृत्य पेश करेगी। सांप ने भी उसे हिम्मत दी और कहा, "डरो मत, मैं तुम्हारे साथ हूं।"
जब आर्या ने मंच पर अपने नृत्य की शुरुआत की, तो हर कोई हैरान रह गया। सांप ने भी उसके साथ नृत्य किया, और उनकी जुगलबंदी ने सबका दिल जीत लिया।
जादू का अंत
नृत्य के बाद, पेंसिल ने आर्या से कहा, "अब मेरा काम पूरा हो गया। मैं किसी और के पास जाऊंगी, जो मेरी ज़रूरत महसूस करेगा।"
आर्या ने आभार व्यक्त किया और पेंसिल को विदा कर दिया।
सीख:
हर इंसान के अंदर कुछ खास होता है। अगर हम अपनी प्रतिभा पर मेहनत करें, तो असंभव को भी संभव बना सकते हैं।
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